संजय खान को मुख्य तौर पर हिंदी सिनेमा और भारतीय टेलीविज़न इंडस्ट्री में अभिनय के लिए जाना जाता है| संजय खान में वर्ष 1962 में जॉन गुल्लीआर्मिन द्वारा निर्देशित टार्जन गोज टू इंडिया फिल्म से अभिनय के क्षेत्र में और सचिन बोस द्वारा निर्देशित फिल्म दोस्ती से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म में इन्होंने अशोक का किरदार निभाया था। संजय खान ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 40 फिल्मों में काम किया। वर्ष 1990 में इन्होंने दूरदर्शन चैनल पर प्रसारित किए जाने वाले धारावाहिक द स्वोर्ड ऑफ़ टीपू सुल्तान से भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में भी पदार्पण किया। इस धारावाहिक में इन्होंने टाइटल रोल निभाया था। इस धारावाहिक में संजय खान के अभिनय को दर्शकों तथा क्रिटिक्स द्वारा खूब पसंद किया गया। इसके अलावा वह 5 अन्य धारावाहिकों में भी काम कर चुके हैं। वर्ष 1997 में संजय खान ने अपना ड्रीम प्रोजेक्ट एक फाइव स्टार डीलक्स गोल्डन पाम होटल और स्पा बेंगलुरु में शुरू किया। इसमें 150 कमरे है। यह फाइव स्टार होटल 300000 स्क्वेयर फीत एरिया में फैला हुआ है। इस होटल की इंटीरियर डिजाइनर इन की पत्नी जरीन खान है।
संजय खान का जन्म 3 जनवरी 1941 को तनौली, बेंगलुरु किंगडम ऑफ मैसूर ( वर्तमान कर्नाटक) ब्रिटिश इंडिया के समय एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सादिक अली खान तनोली है मूल रूप से वह अफगान पश्तून से संबंध रखते थे जबकि इनकी माता बीबी फातिमा बेगम आराम से संबंध रखती थी। इनके पांच भाई और दो बहने हैं। संजय खान के बड़े भाई फिरोज खान भी हिंदी सिनेमा के एक दिग्गज अभिनेता माने जाते हैं। इनके छोटे भाई समीर और शाहरुख बिजनेसमैन है। इनके एक और छोटे भाई अकबर खान अभिनेता, स्क्रीन्राइटर फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं।
संजय खान की स्कूली शिक्षा बिशप कॉटन बॉयज स्कूल बैंगलोर और सेंट जर्मन हाई स्कूल बेंगलुरु से हुई थी। 12 वर्ष की आयु में जब एक बार उनको राज कपूर की फिल्म आवारा को देखने का अवसर प्राप्त हुआ तब वह फिल्म और सभी कलाकारों के अभिनय से खूब प्रभावित हुए। थिएटर के मैनेजर संजय खान को प्रोजेक्शन रूम में भी ले गए और बताया कि कैसे फिल्म को प्रोजेक्ट किया जाता है। इसके बाद से संजय खान का रुझान अभिनय के क्षेत्र में बढ़ गया और उन्होंने आगे पढ़ाई ना करने और अभिनय के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाने का निश्चय किया।
वास्तविक नाम | शाह अब्बास अली खान अतरौली |
उपनाम | संजय खान |
संजय खान का लोकप्रिय किरदार | टीपू सुल्तान ( धारावाहिक – द स्वोर्ड ऑफ़ टीपू सुल्तान) |
संजय खान का जन्मदिन | 3 जनवरी 1941 |
संजय खान की आयु | 81 वर्ष |
संजय खान का जन्म स्थान | तनौली, बेंगलुरु किंगडम ऑफ मैसूर ( वर्तमान कर्नाटक) ब्रिटिश इंडिया |
संजय खान का मूल निवास स्थान | बेंगलुरु कर्नाटक भारत |
संजय खान की राष्ट्रीयता | भारतीय |
संजय खान का धर्म | इस्लाम |
संजय खान की शैक्षणिक योग्यता | हाई स्कूल |
संजय खान के स्कूल का नाम | बिशप कॉटन बॉयज स्कूल बैंगलोर और सेंट जर्मन हाई स्कूल बेंगलुरु |
संजय खान के कॉलेज का नाम | लागू नहीं |
संजय खान का व्यवसाय | अभिनेता, निर्माता और निर्देशक |
संजय खान की प्रति मासिक आय | 2 करोड़ रूपए |
संजय खान की वार्षिक आय | 30 करोड़ रुपए |
संजय खान की कुल संपत्ति | 470 करोड़ रुपए के लगभग |
संजय खान की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
संजय खान की वैवाहिक स्थिति | 16 अप्रैल 1966 |
संजय खान की लंबाई | 5 फुट 11 इंच |
संजय खान का वजन | 85 किलोग्राम |
संजय खान का शारीरिक माप | छाती 40 इंच, कमर 32 इंच, बाइसेप्स 13 इंच |
संजय खान की आंखों का रंग | गहरा भूरा |
संजय खान के बालों का रंग | काला और सफेद |
संजय खान के पिता का नाम | सादिक अली खान |
संजय खान की माता का नाम | बीबी फातिमा बेगम |
संजय खान के भाइयों का नाम | फिरोज़ खान, अकबर खान, समीर खान और शाहरुख शाह अली खान |
संजय खान की बहनों का नाम | दिलशाद बेबी और खुर्शीद शाहनवर |
संजय खान की पत्नी का नाम | ज़रीन कात्रक |
संजय खान के बेटे का नाम | ज़ैद खान |
संजय खान की बेटियों के नाम | सुजैन खान, फरहा खान और सिमोन खान |
संजय खान ने वर्ष 1962 में जॉन गुलिरमिन द्वारा निर्देशित टार्जन गोज टो इंडिया फिल्म से अभिनय के क्षेत्र में पायलट का रोल निभा कर और वर्ष 1964 में सत्येंद्र बोस द्वारा निर्देशित फिल्म दोस्ती में अशोक का किरदार निभाकर हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया। इस फिल्म के मुख्य कलाकार सुशील कुमार स्वामी और सुधीर कुमार सावंत थे। वर्ष 1966 में संजय खान ने बतौर मुख्य अभिनेता देवेंद्र गोयल द्वारा निर्देशित 10 लाख फिल्म में काम किया। इस फिल्म में इन्होंने किशोर का किरदार निभाया था और मुख्य अभिनेत्री बबीता थी। वर्ष 1969 में इन्होंने देवेंद्र गोयल द्वारा निर्देशित एक फूल दो माली फिल्म में भी काम किया। जिसमें इन्होंने अमर का किरदार निभाया है। इसी वर्ष इनकी दूसरी फिल्म आर के नया द्वारा निर्देशित इंतकाम भी रिलीज हुई जिसमें इन्होंने राजपाल उर्फ राजू का किरदार निभाया।
वर्ष 1970 में संजय खान ने वी मधुसूदन राव द्वारा निर्देशित सास भी कभी बहू थी में दिलीप (दीपू एम चौधरी) का किरदार निभाया था। इस फिल्म में उनके साथ अन्य कलाकार लीना चंदावरकर, ओम प्रकाश, शशि कला, ललिता पवार और जगदीप थे। वर्ष 1971 में इन्होंने मोहन द्वारा निर्देशित उपासना फिल्म में फिरोज खान और मुमताज के साथ काम किया। वर्ष 1973 में संजय खान ने बी आर चोपड़ा द्वारा निर्देशित धुंध फिल्म में जीनत अमान, डैनी डेंजोंगपा, देवेन वर्मा, मदन पुरी, नवीन निश्चल और अशोक कुमार के साथ भी काम किया।
संजय खान ने वर्ष 1990 में दूरदर्शन चैनल पर प्रसारित किए जाने वाले हिस्टॉरिकल ड्रामा धारावाहिक द स्वोर्ड ऑफ़ टीपू सुल्तान से भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में पदार्पण किया। इस धारावाहिक में उन्होंने टाइटल किरदार निभाया था। जिसे दर्शकों और क्रिटिक्स द्वारा खूब पसंद किया गया। वर्ष 1964 में उन्होंने द ग्रेट मराठा हिस्टॉरिकल ड्रामा धारावाहिक का निर्देशन किया। वर्ष 1997 में इन्होंने दूरदर्शन और बाद में सोनी चैनल पर प्रसारित किए जाने वाले धारावाहिक जय हनुमान का भी निर्देशन किया। इसके अलावा यह जय महाभारत, 1857 क्रांति , मराठी करना धारावाहिकों का भी निर्देशन कर चुके हैं।
वर्ष 1981 उत्तर प्रदेश शर्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवार्ड
वर्ष 1986 आंध्र प्रदेश जर्नलिस्ट अवार्ड
वर्ष 1993 द जैम ऑफ इंडिया अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस
वर्ष 1993 राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड
वर्ष 1994 नेशनल सिटीजन बोर्ड
वर्ष 1995 द ग्लोरी ऑफ इंडिया अवार्ड
वर्ष 1997 हिंद गौरव अवॉर्ड
वर्ष 1997 ओनर ऑफ लाइफ टाइम अचीवर अवार्ड
वर्ष 2,000 द मिलेनियम अचीवर्स
वर्ष 2006 अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम ऑफ इंडियन ओरिजिन
वर्ष 2009 लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड बाय स्क्रीन स्टार
वर्ष 2019 आप और ब्रैंड्स द्वारा बायोग्राफी ऑफ द ईयर अवार्ड
2 करोड़ रूपए
30 करोड़ रुपए
470 करोड़ रुपए के लगभग
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